गृहस्थ जीवन में कई बार ऐसा समय आता है, जब नीरसता अनुभूत होती है। सब कुछ बेमानी लगने लगता है। अकेलापन भले घर में ना हो, लेकिन मन के स्तर पर घटने लगता है।
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