लव-मंत्र : विवाह के बाद रिश्तों को कैसे सहेजें
विवाह के समय लिए जाने वाले सात फेरे, सात जन्मों तक का सफर साथ-साथ तय करने का वचन दिलवाते हैं। विवाह का यह सुखद बंधन मात्र अग्नि के इर्द-गिर्द घूमने की औपचारिकता नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ कुछ
View Articleडोर रिश्तों की : कुछ हम सुधरें, कुछ तुम
किसी के अहं पर सीधा प्रहार करना, बातों-बातों में नीचा दिखाना या प्रत्येक कार्य में त्रुटियां निकालकर आलोचना करना और स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने का प्रयास करना। इन सबसे हमेशा ही आपसी व्यवहार में कटु...
View Articleशादी में बैंड-बाजे के टॉप 10 गाने
भारत में शादी-समारोह में गीत-संगीत न हो तो सबकुछ अधूरा और सूना-सूना महसूस होता है। सगाई से लेकर विदाई तक और गोद भराई से लेकर बारात में नाचने तक जहां संगीत का आनंद उठाया जाता है वहीं लोकगीतों का भी...
View Articleडोर रिश्तों की : ननद-भाभी नहीं सखियां बन कर रहें
किसी भी रिश्ते में मधुरता तभी आती है, जब दोनों तरफ से खुशबू बिखरी हो। ननद और भाभी दोनों ही खुले विचारों वाली होनी चाहिए तभी परिवार में खुशहाली आती है। अब एक बार आप अपने स्वयं का परीक्षण-निरीक्षण जरूर...
View Articleऐसे पति होते हैं ज्यादा बेवफा!
अमेरिका में किए गए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जो पति आर्थिक रूप से अपनी पत्नियों पर निर्भर रहते हैं, वे अधिक बेवफा हो सकते हैं। इतना ही नहीं, उनके कई विवाहेतर संबंध हो सकते हैं।
View Articleफादर्स डे : पिता वटवृक्ष है, उनका दिवस जरूर मनाएं
एक ओर जहां मदर्स डे पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता, वहीं फादर्स डे मनाने वालों पर हंसा जाता है। फादर्स डे अखबारों में जगह तो पा रहा था लेकिन चुटकलों में... वहां के एक स्थानीय अखबार स्पोक्समैन रिव्यू में...
View Articleपॉज़िटिव रहें, रिश्तों को जिएं
कई बार आप परिस्थितिवश या अन्य कारणों के चलते नकारात्मक मानसिकता का शिकार हो जाते हैं, जिसका आपके दिलो-दिमाग पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। यही नहीं आपके आसपास के लोगों व उनकी मानसिकता पर भी इसका प्रभाव...
View Articleक्यों मनाया जाता है फादर्स डे?
माना जाता है कि फादर्स डे सर्वप्रथम 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया। साल 2015 में फादर्स-डे के 105 साल पूरे हो गए। इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है- सोनेरा डोड की। सोनेरा डोड जब नन्ही सी थी, तभी...
View Articleफादर्स डे स्पेशल : आई लव यू पापा...
हमारे यहां पिता की भूमिका एक लंबा रास्ता तय करके आधुनिक हुई है। एक दौर था, जब पिता का रौब बच्चों को दहशत देता था। आज पिता दोस्त की भूमिका में आ गए हैं। फिर भी कहीं पिता-पुत्र के रिश्तों में एक खिंचाव...
View Articleफादर्स डे स्पेशल : पिता ने दिए सफलता के सुनहरे मंत्र
बदलते समय के बदलते दौर में अब पिता की छवि बदल गई है। आज पिता अपने बच्चों के लिए न केवल प्रेरणास्रोत बने हैं बल्कि जीवन में ऐसा मूलमंत्र दे रहे हैं जिसे जपकर उनके बच्चे कामयाबी की नई इबारतें लिख रहे...
View Articleबड़े होते बच्चों के प्रति पिता का दायित्व
किशोरावस्था की समस्याओं में मां की भूमिका बेटी के प्रति और पिता की भूमिका बेटे के प्रति ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। होता यूं है कि चूंकि लड़कियों में होने वाले परिवर्तनों के प्रति एक खास किस्म की...
View Articleफादर्स डे : छायादार वृक्ष के समान है पिता
पिता अर्थात छायादार वह बड़ा वृक्ष, जिसमें बचपने की गौरेया बनाती है घोसला...। पिता अर्थात वह अंगुली, जिसे पकड़कर अपने पांव पर खड़ा होना सीखता है, घुटनों के बल चलने वाला...। पिता अर्थात वह कांधा, जिस पर...
View Articleसरल नही है, पैरेंटिंग की कला
बच्चों के लिए एक अच्छा अभिभावक बनना हमेशा से पालकों के लिए महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन वर्तमान समय के बदलते परिवेश में माता-पिता के लिए ये चुनौतीपूर्ण कार्य है। शायद इसीलिए अब पालक भी 1 ही संतान पर विशेष...
View Articleपिता पर कविता : पिता, जुलाहा...रखवाला
खिल गई है मुस्कुराहट, उसके चेहरे पर आया है नूर निहार,निहार चूमे माथा,लहर खुशी की छाया है सुरूर
View Articleपिताजी-बाबूजी-पापा-से लेकर डैड तक का सफर
उनके असामान्य व्यवहार को यदि गंभीरता से लिया जाए और शांति से हल निकाला जाए तो वे शांत और एकाग्रचित्त हो जाते हैं। इस उम्र में अक्सर लड़के थोड़े उच्छृंखल हो जाते हैं और उन्हें किसी की भी टोका-टोकी बुरी...
View Articleफादर्स डे स्पेशल : पिता खुदा की नेमत है
बच्चे का अपने माता-पिता से सबसे गहरा नाता होता है। मां से भावनाओं का जुड़ाव, तो पिता से समझ का। मां की ममता और करुणाशीलता तो जगजाहिर है, लेकिन कई बार पिता की अनकहे शब्द और जता न पाने की आदत उनके भावों...
View Articleबेटी का पत्र, पिता के नाम....
संकोच की सीमाओं के बीच कभी शब्दों के जरिए जता या बता नहीं पाई, लेकिन आज जब सोच रही थी कि फादर्स-डे पर आपको उपहार क्या दूं? तो सोचा कि जिस पिता ने मुझे काबिल बनाने और हमेशा खुश रखने में अपना पूरा जीवन...
View Articleसघन वटवृक्ष की मीठी छांव है पिता
पिता, किसी वटवृक्ष की, घनी छाँव का वह एहसासजिसमें रहकर दुनिया भर की तपन भी राहत लगती है ।
View Articleमां समान पिता...
हर बच्चे का बचपन माता पिता की गोद में खेलकर ही बीतता है। लेकिन कुछ बच्चे ऐेसे भी होते हैं, जिनके सर पर दोनों में से किसी एक का सांया उठ जाता है, और दूसरा हमेशा एक पालक के तौर पर मां और पिता, दोनों की...
View Articleबच्चों से सीखें भूल जाने की कला
बच्चों का आपस में जो रिश्ता होता है, वह चाहे जैसा भी हो, लेकिन उन रिश्तों में कभी नकारात्मकता नहीं होती। वे जब एक-दूसरे से मिलते हैं, कभी प्यार से खेलते हैं तो कभी आपस में झगड़ भी लेते हैं। लेकिन अगले...
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