याद हैं वे दिन पापा ..
मुझे आज भी याद है वो दिन, जब आपकी गोद में बैठकर रंगबिरंगी फ्रॉक पहनकर मैं जाती थी,घूमने बाजार ....
View Articleपिता पर कविता - आपकी आवाज मेरा सुकून
आपकी आवाज मेरा सुकून है, आपकी खामोशी, एक अनकहा संबल ।आपके प्यार की खुशबूजैसे, महके सुगंधित चंदन।
View Articleपिता पर कविता- अंदर से वे धीर हैं
चेहरा भले गंभीर है ,अंदर से वे धीर हैं ,कहते कम हैं सुनते सब ,ऐसी कुछ तासीर है ।।
View Articleपिता- खुदा का हर रंग उसमें सिमटता है
खुशियों का समंदर देने तुझको उसका हर पल कुछ जर्रे सा कटता है मोड़ लेती है मुंह कायनात पूरी जब पिता का सांया सर से उठता है...
View Articleफादर्स डे : पिता की चिट्ठी, अपनी बेटी के नाम
तुम खुश हो ना अपने पति के साथ.. यकीन मानो अब मैं भी वैसा नहीं रहा पर कभी-कभी बहुत याद आती हो तुम कि मैं तुम्हें ना जाने किस डर से कभी प्यार नहीं कर पाया.. वैसा जैसा बचपन में किया करता था... हो सके तो...
View Articleक्योंकि आप सब से अलग हो पापा....
कैसे हैं आप? मैं आपको यह सब मिलकर भी बता सकती हूं, पर यह पत्र सिर्फ आपके लिए है। इस फादर्स-डे पर आपके प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करना चाहती हूं क्योंकि आप सब से अलग हो। आप मेरे हीरो हैं। मुझे लगता है कि...
View Articleपापा, आप टहलना शुरू कर दो...
जब हम तीनों छोटे थे तो पापा से खूब इंप्रेस थे। हमारे पापा बहुत अच्छे दिखते थे। हम तीनों भाई बहन बैठकर हमारे पापा से अपनी अपनी डिमांड की लिस्ट बनाते रहते थे। दिनभर की मम्मी की शिकायतों की अलग लिस्ट होती...
View Articleपिता दर्द के हिमालय लेकर दौड़ता है रात-दिन...
वेद की वह पवित्र किताब है पिता, जिसमें लिखी हैं पुरखों के परिचय की ऋचाएं, जिसे पढ़कर जाना जा सकता है मनुष्य का जन्म, जिसकी आंखों में झांककर देखा जा सकता है आदम का रूप। जो अपनी संतान के लिए ढोता है...
View Articleपार्टनर से झगड़ा हो, तो न करें यह 5 काम -
रिलेशनशिप में दो लोगों के बीच अगर प्यार होता है, तो तकरार होना भी आम बात है । लेकिन यह तकरार कहीं आपके रिश्ते में कड़वाहट घोल कर प्यार को ही खत्म न कर दे। इसके लिए हम आपको बता रहे हैं 5 बातें जो झगड़ा...
View Articleकंपनियां भी मान रही हैं भावनात्मक रिश्तों का महत्व
जो कंपनी अपने कर्मचारियों की खुशियों का जरिया बनती है, उनका मानना है कि ऐसा करने से न सिर्फ कर्मचारी का मनोबल बढ़ता है वरन उसको काम में कभी बोरियत या एकरसता महसूस नहीं होती। इतना ही नहीं, परेशानी या...
View Articleउफ.... यह गुस्सा!
गुस्सा मानवीय भावनाओं को आहत करता है। जाने-अनजाने हम कितनी ही बार अपनों का दिल दुखा बैठते हैं। कभी गुस्से में तो कभी मन में चल रहे विचारों के बवंडर से इतने व्यथित हो जाते हैं कि जरा सी भी बात हमारे...
View Articleकरवा चौथ : 7 टिप्स से जीतें अपने 'चांद' का दिल
किसी एक त्योहार पर ही एक-दूसरे के प्रति आस्था का प्रदर्शन करने के बजाय हर दिन उस त्योहार सा मानकर अपने रिश्ते को सार्थकता प्रदान करें। यदि आप अपने दांपत्य जीवन का संगीत सुरीला बनाना चाहते हैं, तो इन...
View Articleशादी के बाद ऐसे संभालें नए रिश्तों को
शादी के पहले का उत्साह और धूमधाम के साथ विवाह संस्कार समाप्त होने तक, दूल्हा- दुल्हन दोनों का अनुभव बेहद खास होता है। लेकिन असल जिंदगी की शुरुआत तब होती है, जब शादी की सभी रस्मों के बाद आप एक दूसरे के...
View Articleफ्रेंच पैरेंटिंग से बच्चों को बनाएं बेहतर
बच्चों की परवरिश का पुराना तरीका अभी भी बहुत कारगर है। निश्चित तौर पर नई पीढ़ी खुद में बदलाव लाने के प्रति जागरूक है। यही वजह है कि अब फ्रेंच पेरेंटिंग पर चर्चा की जाने लगी है। नए जमाने के माता-पिता...
View Articleशोध : पिछड़ जाते हैं बड़े परिवारों के बच्चे
अगर आप अपने परिवार में एक नए सदस्य को लाने का विचार कर रहे हैं, तो एक बार और सोच लीजिए। एक नए शोध के अनुसार बड़े परिवारों में रहने वाले बच्चे सफलता पाने में अक्सर पिछड़ जाते हैं। इसके अलावा उनके...
View Articleसोशल मीडिया : घटती दूरियां, रिश्तों में बढ़ते फासले
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यह वाक्य हमें हमेशा रटाया गया। सामाजिक होना ही इंसानों और जानवरों के बीच का अंतर है। परंतु क्या मनुष्य असामाजिक प्राणी हो चुका है? क्या सोशल मीडिया के बढ़ते वर्चस्व ने...
View Article5 बातें रखें याद, जब हो आपसी मनमुटाव
परिवार, रिश्तेदार या फिर दांपत्य जीवन में अगर आपका मनमुटाव चल रहा है, तो इन 5 बातों को का ध्यान रखें। मनमुटाव में आपके रिश्तों की डोर कुछ समय के लिए ढीली जरूर पड़ सकती है लेकिन इन बातों को अपनाने से यह...
View Article15 सच जो सिर्फ बड़ी बहन होने पर समझ आते हैं
कभी कभी बड़ी बहन होना, एक राजकुमारी होने से भी बेहतर है। जब बड़ी बहन के साथ बचपन में हुए छोटे छोटे झगड़े याद आते हैं, तब एक बड़ी सी स्माइल आपके चेहरे पर आ जाती है। ये यादें समय से साथ धुंधली जरूर हो...
View Articleसामाजिक समरसता एवं पर्यावरण की पाठशाला- संयुक्त परिवार
परिवार की परिभाषा के अंतर्गत हम कह सकते हैं कि 'सम्मिलित आवास वाले रक्त संबंधियों का समूह परिवार कहलाता है'। मानव जीवन की यात्रा का शुभारंभ परिवार से ही होता है एवं मनुष्य की प्रारंभिक एवं मूलभूत...
View Articleपिता, जीवन में सुरक्षा कवच समान
पिता जी के साथ मित्र की तरह बैठना, उनसे बातें करना आज भी याद आता है। उनके साथ किसी भी बात पर विचार-विमर्श करना एवं उन विचारों से सही-गलत को समझना पिता जी ने बखूबी सिखाया है। पिता जी की सलाह को मानकर...
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